Ranchi,June,16:Jharkhand Public Service Commission (JPSC) which has earned new name of Jungle Public Service Commission because of their style of working and mass level of malpractices that they have done which is recently surfaced through the Vigilance Inquiry .
The commission has the long history to rescheduling, cancellation of examination and manipulation of results. The recently conducted JPSC -III who is known as the fare deal of the JPSC has thrown several surprise as the students who appeared with tribal language has got 380 marks in 400 marks, this is not with the single student this has happened with the bunch of the students who has got such type of marks.
It is well known fact for the applicants 60% marks is known as the one of the excellent benchmarks and if someone scores in their optional and GS papers he will secure good ranking in the examination.
The successful candidate who got selected in the JPSC -3 has great unevenness in their marks because in one optional they had secured about 85% marks and in other paper they are hanging around 40% -50 % this is the most common cases with the several selected candidates, so it is very tough to believe that all is well in this result.
As far as tribal subject is concerned it is well known among the students that there are few teacher who running coaching classes in tribal language in Ranchi and same people are associated with the examination process of the JPSC as the question setter and evaluator as well. These teachers are selling the marks so the candidate who approaches them with unfair means are getting 80 % to 90 % marks which increases the chance of clearing the mains examination for them
Recently one of such teacher is held by the Vigilance Police who has also found some document associated with such malpractices.
The case is quite funny at Hazaribagh Police Training College ,where DYSP training is going on some instructor who is giving them training had said that the quality of the selected candidates had deteriorated sharply some are good and some are so bad they can’t even write the spelling of Explosives.
The great challenge is here to conduct the free and fare examination for the JPSC because at every level corruption is deep rooted. The names of examiner are generally leaked by the JPSC to the beneficiary and such person directly approaches to the examiner to buy marks for them. There are no systems that cross check the papers so this is almost impossible to find out the culprits.It is the only the comparative performance in other paper gives doubt over the successful candidates.
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1 comment:
)(A)तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों के परीक्षको (का जांचने वाले)की संख्या वैकल्पिक विषयवार बताई जाय. B)तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों के वीक्षण (कापी जांचने वाले) कार्य करने वाले परीक्षको में से कुल कितने परीक्षको ने द्वितीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों का वीक्षण(कापी जांचने वाले) कार्य किया था उनकी संख्या वैकल्पिक विषयवार बताई जाय.
(2) तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों के वीक्षण कार्य करने वाले रीक्षको /समन्वयक की चयन/ नियुक्ति की प्रक्रिया में झारखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री दिलीप प्रसाद समेत अन्य बर्खास्त की सदस्यों क्या कोई भूमिका थी या नहीं सूचित करे .
(3) द्वितीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों का वीक्षण(कापी जांचने वाले) कार्य में संलग्न परीक्षको /समन्वयक द्वारा कापियों में नंबर बढ़ाने, अधिक अंक प्रदान करने, जैसे भ्रष्ट तरीको को अपनाते हुए बड़ी संख्या में अयोग्य उम्मीदवारों को फायदा पहुचाया गया हैं. तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के उतर पुस्तिकाओ के मूल्यांकन /वीक्षण कार्य में परीक्षको /समन्वयक द्वारा कापियों में नंबर बढ़ाने, अधिक अंक प्रदान करने, जैसे भ्रष्ट तरीको को अपनाते हुए अयोग्य उम्मीदवारों को फायदा नहीं पहुचाया गया हैं, यह झारखण्ड लोक सेवा आयोग के द्वारा तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम घोषित करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया गया हैं या नहीं , कृपया सूचित करे (4) तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के कुल कितने वैकल्पिक विषयों के मूल्यांकन का कार्य (कापी जांचने का कार्य) झारखण्ड लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष के द्वारा पद भार ग्रहण करने के पूर्व कर लिया गया था या नहीं सूचित करे .कृपया तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों के मूल्यांकन का कार्य समाप्त होने की तिथि भी सूचित करे. (5) तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों के प्रश्नपत्रों के विशेषज्ञों(Experts) जिन्होंने प्रश्नपत्र तैयार करने कार्य किया हैं. उनमें से कुछ विशेषज्ञों (Experts) ने उसी वैकल्पिक विषय के मूल्यांकन का कार्य (कापी जांचने का कार्य) परीक्षक/ समन्वयक के रूप में भी किया हैं या नहीं , सूचित करे यदि हाँ तो कृपया, वैकल्पिक विषय वार विशेषज्ञों(Experts) की संख्या सूचित करे जिन्होंने उसी वैकल्पिक विषय के मूल्यांकन का कार्य (कापी जांचने का कार्य) परीक्षक /समन्वयक के रूप में भी कार्य किया हैं.(B) द्वितीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के विभिन्न वैकल्पिक विषयों के विशेषज्ञों (Experts) जिन्होंने प्रश्नपत्र तैयार करने कार्य किया हैं. उनमें से कितने विशेषज्ञों (Experts) ने तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मुख्य परीक्षा के भी वैकल्पिक विषयों के प्रश्नपत्र तैयार करने कार्य किया हैं. विशेषज्ञों (Experts) की संख्या वैकल्पिक विषयवार बताई जाय.(7)(B) तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की कुल संख्या बतायी जाय जिन्होंने क्षेत्रीय भाषा का एक वैकल्पिक विषय के रूप में चयन किया था.(C) तृतीय संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा को विषय एक वैकल्पिक विषय के रूप में चयन कर अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की संख्या क्षेत्रीय भाषा विषय वार बतायी जाय.
This RTI has filed on 17-08-2010,But no any information supplied by PIO JPSC Yet.Now hearing is going on before Jharkhand Information commission ,On every Hearing Public Information officer JPSC seek time for furnishing the information from SIC,but after seeking so many times PIO JPSC failed to provide the information, so it clearly indicates that the 3 rd JPSC Examination must also come under scanner of investigatig agencies ,but vigilance bureau not investigating the 3rdJPSC Examination .Only CBI is able to unearth the deep rooted corruption .So only CBI inquiry will take all the necessary action on priority to ensure the justice to the candidates who have lost their career and opportunity and deprived from their due post and position due to untamed corruption in recruitment process of JPSC
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