State public service commissions yet to make the perfect way to perform especially Bihar Public Service Commission (BPSC) and Jharkhand Public Service Commission (JPSC) .
The recent result decleared by the both the commission are under controversy as BPSC result is criticised by the wrong question which was set in the PT examination that forced the commission to remove the eight questions from the question paper while evaluating it.
This act of BPSC was challenged in High Court by the student who didnt get through the PT. In Patna High Court next hearing is scheduled on Sept-6.
The result decleared by JPSC is also came under controversy as the good number of question were repeated from the UPSC previous year questions.
Applicants are protesting against the small list of successful candidate in 4th PT exam. In comparison to the Bihar Public commission, who has declared 15 thousand results against the 257 vacancies, recently published result is too small.
In all previous JPSC PT exams the lists of successful candidate were large.JPSC were released list of 10 thousand successful candidatesin its first PT examination against the 64 vacancies. Similarly, 17,000 and 21,000 students were declared passed in the 2nd and 3rd PT exam conducted by JPSC. The total numbers of vacancies were 172 and 143 in 2nd and 3rd PT exam conducted by the state commission respectively.
However this year Commission had already decleared that they will release the result of 10 times of vacancy.
Applicants are protesting against the small list of successful candidate in 4th PT exam. In comparison to the Bihar Public commission, who has declared 15 thousand results against the 257 vacancies, recently published result is too small.
In all previous JPSC PT exams the lists of successful candidate were large.JPSC were released list of 10 thousand successful candidatesin its first PT examination against the 64 vacancies. Similarly, 17,000 and 21,000 students were declared passed in the 2nd and 3rd PT exam conducted by JPSC. The total numbers of vacancies were 172 and 143 in 2nd and 3rd PT exam conducted by the state commission respectively.
However this year Commission had already decleared that they will release the result of 10 times of vacancy.
It looks funny that a dedicated institution to conduct civil services examination is unable to set the proper question paper.
Improper question paper is the basic problem so commission must take seriously this issue if they can't then they can outsource it to other agency.
16 comments:
People sitting in the Commission are inefficient corrupt and irresponsible.
Government need to think on it they are playing with the future of the student and manipulating the thing in their personal interest.
Ya Rajwardhan these institution must be accountable to the applicant
Sir
Ye log sudharne wale nahi hai...
All corrupt people in one basket.
Ye absolute Bharstachar hai.....
Kuch nahi ho sakta hai
इसी माह सौंपी जाएगी जेपीएससी घोटाले की रिपोर्ट
रांची, जेपीएसएसी सिविल सेवा परीक्षा घोटाले की जांच कर रही निगरानी ब्यूरो की टीम फाइनल रिपोर्ट राज्य सरकार को सितंबर के अंतिम सप्ताह में सौंपेगा। निगरानी ब्यूरो रिपोर्ट में अवैध तरीके से नियुक्त डिप्टी कलेक्टरों व डीएसपी के विरुद्ध बर्खास्तगी की अनुशंसा सरकार से करेगा। मामले में मास्टर माइंड जेपीएससी के पूर्व सदस्य डॉ. गोपाल प्रसाद सिंह ने सरेंडर कर दिया है। अब दूसरे सदस्य राधा गोविंद नागेश की गिरफ्तारी को ले निगरानी ने प्रयास तेज कर दिया है। जेपीएससी प्रथम सिविल सेवा परीक्षा में करीब 44 और द्वितीय में 82 डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति में गड़बड़ी की बात सामने आई है। गड़बड़ी के तौर पर उत्तरपुस्तिकाओं में कटिंग की गई है। कॉपी में कुछ और मेधा सूची में कुछ और अंक दिए गए हैं। बहुत से चयनित उम्मीदवारों की कॉपी ही नहीं जांची गई है, जबकि मेधा सूची में उन्हें नंबर दे पास घोषित कर दिया गया है।
यूपीएससी को मॉडल बनाया जेपीएसस
झारखंड लोक सेवा आयोग ने चतुर्थ सिविल सेवा परीक्षा में संघ लोक सेवा आयोग को मॉडल बना लिया। आयोग ने प्रश्न सेट करने वालों की मेहनत को बचा लिया। वर्ष 2010 में पूछे गए प्रश्नों को आधार बनाया और करवा दिया प्रश्न सेट। परीक्षा में पहुंचे छात्र रिपीटेड प्रश्न देख परेशान हुए। परीक्षा के बाद भी छात्रों ने भड़ास निकाली। अब रिजल्ट प्रकाशन के बाद अनुत्तीर्ण हुए छात्र मुखर हो गए हैं। जेपीएससी भी इस मामले में कार्रवाई की कवायद में लग गया है। तत्काल जांच कराने का निर्णय लिया गया है। जेपीएससी चतुर्थ पीटी के समाजशास्त्र विषय के बुकलेट डी और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2010 के बुकलेट बी के प्रश्नों का मिलान करने पर मामला साफ हो जाता है। 40 प्रश्न लगातार रिपीट हुए हैं। इसके अलावा करीब 20 प्रश्न 1999 से लेकर 2009 तक के आए प्रश्नों से लिए गए हैं। जेपीएससी अध्यक्ष शिव बसंत भी इस मामले में जांच कराने की बात कह चुके हैं
Sociology repeat........Question
जेपीएससी 2011 यूपीएससी 2010 प्रश्न संख्या 1 प्रश्न संख्या 9 प्रश्न संख्या 2 प्रश्न संख्या 13 प्रश्न संख्या 3 प्रश्न संख्या 92 प्रश्न संख्या 4 प्रश्न संख्या 93 प्रश्न संख्या 5 प्रश्न संख्या 97 प्रश्न संख्या 6 प्रश्न संख्या 100 प्रश्न संख्या 7 प्रश्न संख्या 104 प्रश्न संख्या 8 प्रश्न संख्या 105 प्रश्न संख्या 9 प्रश्न संख्या 19 प्रश्न संख्या 10 प्रश्न संख्या 22 प्रश्न संख्या 11 प्रश्न संख्या 24 प्रश्न संख्या 12 प्रश्न संख्या 25 प्रश्न संख्या 13 प्रश्न संख्या 27 प्रश्न संख्या 14 प्रश्न संख्या 29 प्रश्न संख्या 15 प्रश्न संख्या 106 प्रश्न संख्या 16 प्रश्न संख्या 107 प्रश्न संख्या 17 प्रश्न संख्या 111 प्रश्न संख्या 18 प्रश्न संख्या 112 प्रश्न संख्या 19 प्रश्न संख्या 113 प्रश्न संख्या 20 प्रश्न संख्या 114 जेपीएससी 2011 यूपीएससी 2010 प्रश्न संख्या 21 प्रश्न संख्या 115 प्रश्न संख्या 22 प्रश्न संख्या 117 प्रश्न संख्या 23 प्रश्न संख्या 118 प्रश्न संख्या 24 प्रश्न संख्या 119 प्रश्न संख्या 25 प्रश्न संख्या 51 प्रश्न संख्या 26 प्रश्न संख्या 53 प्रश्न संख्या 27 प्रश्न संख्या 76 प्रश्न संख्या 28 प्रश्न संख्या 78 प्रश्न संख्या 29 प्रश्न संख्या 84 प्रश्न संख्या 30 प्रश्न संख्या 87 प्रश्न संख्या 31 प्रश्न संख्या 88 प्रश्न संख्या 32 प्रश्न संख्या 1 प्रश्न संख्या 33 प्रश्न संख्या 6 प्रश्न संख्या 34 प्रश्न संख्या 7 प्रश्न संख्या 35 प्रश्न संख्या 32 प्रश्न संख्या 36 प्रश्न संख्या 34 प्रश्न संख्या 37 प्रश्न संख्या 35 प्रश्न संख्या 38 प्रश्न संख्या 38 प्रश्न संख्या 39 प्रश्न संख्या 39 प्रश्न संख्या 40 प्रश्न संख्या 40
छात्रों ने जेपीएससी कार्यालय घेरा
रांची, छात्र जागरण मंच के बैनर तले सैकड़ों सफल व असफल छात्र-छात्राओं ने सोमवार को जेपीएससी मुख्यालय के समक्ष आठ घंटे तक धरना दिया। इस दौरान जेपीएससी परीक्षा में हुई गड़बडि़यों पर छात्रों ने अपने विचार भी रखे। फिर छात्रों का प्रतिनिधिमंडल जेपीएससी अध्यक्ष शिव बसंत से मिला। परीक्षा लेने से लेकर परीक्षाफल प्रकाशन तक में हुई त्रुटियों की ओर अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया। इसमें प्रमुखता से प्रश्नों के नकलीकरण और इसे एक विशेष वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाने की बात बताई। साक्ष्यों को उन्होंने अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया। अध्यक्ष ने छात्रों को सभी मामलों की जांच कराने और उचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
भूगोल के प्रश्न निर्धारण में गड़बड़ी
रांची झारखंड लोक सेवा आयोग की चतुर्थ सिविल सेवा परीक्षा के प्रश्नपत्र निर्धारण में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। भूगोल का प्रश्न सेट करने वालों ने मेहनत से बचने के लिए यूपीएससी परीक्षा के प्रश्नों को आधार बना दिया गया है। चतुर्थ पीएससी पीटी में जिस प्रकार से प्रश्नों के साथ खेल हुआ है, वह कई सवाल खड़े कर रहा है। जानकर आश्चर्य होगा कि भूगोल का प्रश्न पत्र वर्ष 2007 के संघ लोक सेवा आयोग की चौथी सिविल सेवा परीक्षा में भूगोल के प्रश्न से काफी हद तक मिलते जुलते हैं। 36 प्रश्न इस वर्ष की जेपीएससी परीक्षा में रिपीट हुए हैं।
गोपाल की देखरेख में था मूल्यांकन व परिणाम
रांची जेपीएससी ने उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन और परिणाम की देखभाल का जिम्मा डॉ. गोपाल प्रसाद सिंह को सौंपा था। इसके लिए बजाप्ता बैठक में निर्णय लिया गया। इसी निर्णय को गोपाल ने हथियार बनाया। मनमाने तरीके से 22 विशेषज्ञों की नियुक्ति की। इनमें गोड्डा के 8, जामताड़ा के 4, दुमका के 6 और पाकुड़ के एक विशेषज्ञ शामिल हैं। पद पर रहते हुए अपने बेटे सहित अन्य रिश्तेदारों को रेबड़ी की तरह नौकरियां बांटी। इसने अपने राजनीतिक आकाओं को भी खुश करने में परहेज नहीं की। आकाओं की मदद से ही यह आज तक निगरानी के हत्थे चढ़ने से बचता रहा। निगरानी ब्यूरो की जांच में अनुसंधानकर्ता ने कहा है कि जेपीएससी के नियम की जगह तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद व सदस्य गोपाल सिंह का मौखिक आदेश ही चलता था। मनमाने तरीके से जांच : निगरानी की जांच में यह बात सामने आई है कि गोपाल ने मनमाने तरीके से कॉपियों की जांच कराई। समाजशास्त्र प्रथम व द्वितीय पत्र, दर्शनशास्त्र प्रथम एवं द्वितीय पत्र, हिंदी भाषा एवं साहित्य और राजनीतिशास्त्र प्रथम एवं द्वितीय पत्र का मूल्यांकन संदेहास्पद है। इन विषयों की कॉपियों की जांच से संबंधित संचिका जेपीएससी में मौजूद ही नहीं है। काम आई राजनीतिक पहुंच : डॉ. गोपाल प्रसाद सिंह गोड्डा कॉलेज में शिक्षक के पद पर पदस्थापित थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नेता होने का लाभ उठा बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री काल में ये जेपीएससी के सदस्य बने
Source Dainik Jagran Ranchi edition
JPSC is absolutely defunct. Mr Basnt also failed to revive the organisation.Corrupt Panel of question setter and examiner must be out from system immediately.otherwise the meritorious stundent will again victimise.
You are absolutely right they are killing the aspiration of the students.
Nobody knows what they are baking....
main exam ka form kab tak bheja jayega ???
Result is came under controversy let it clear first then commission will start the process of mains examination.
All this protest against result shows that job aspirants of Jharkhand are FOOLS ,there was protest against JPSC pt result which can give job to around 200 students AND no one is protesting against delay of recruitment to be done by Jharkhand SSC which can give 1 Lakh jobs in which many are equally good posts
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