Ranchi: Giving biggest blow to the government and Comission Jharkhand High Court directed the CBI to investigate selection of candidates through the 2nd combined examination conducted by the JPSC .
Hearing on multiple petitions challenging the 2nd JPSC Civil Services Examinations, the division bench of Justice D N Upadhyay and Justice R K Merathia ordered all the appointed officers posted in various departments under the state government, barring a lady, to stop work till the CBI concludes its investigation as the combined competitive examination was found to be tainted.
The bench also directed that payments of the officers must be stopped until the probe process was completed.
JPSC is facing all around criticism from the experts and candidater about their style of working as in the current set if examination despite of fact multiple cases are under hearing JPSC has gone ahead and conducted the mains examination the applicants are still confused over the validity of the 4th mains examination.
Chalo ab JPSC ke bure din shuru ho gaye hai..
ReplyDeleteCBI officers alreadi in the comission office.....
ReplyDeleteAb basant ko Ate daal ka bhaaw pata chalega
152 सगे-संबंधियों को बना दिया अफसर, सीलबंद सूची सौंपी
ReplyDeleteबुद्धदेव उरांव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेपीएससी नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सीलबंद लिफाफे में वैसे 152 अफसरों की सूची सौंपी, जो राज्य में विभिन्न पदों पर कार्यरत अफसर, नेता, जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्य के रिश्तेदार हैं। याचिका में कहा गया कि जेपीएससी की ओर से आयोजित 16 परीक्षाएं संदेह के घेरे में हैं। इनमें से 12 परीक्षाओं की जांच निगरानी कर रही है। निगरानी से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
अफसर बोले, नियुक्ति वैध
ReplyDeleteविभिन्न सेवाओं में कार्यरत 148 अफसरों ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति वैध है। निगरानी ने उत्तर पुस्तिकाओं व अन्य दस्तावेज का अवलोकन कर सिर्फ 19 अफसरों को बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी।
सरकार की ओर से अपील याचिका दायर कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई है। एकल पीठ ने सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसके तहत 19 अफसरों को बर्खास्त किया गया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। इससे बर्खास्त अफसर बहाल नहीं हो पाए हैं।
Jai Sita Ram Ki
ReplyDeleteJai Bajrang Bali Ki
Jai Ho Baba Bhole Bhandari Ji Ki
Jai Ho Justice Upadhyay Ki
Pankaj ji UPPCS me cut off kitna ja sakta hai?
ReplyDeleteuppcs 2012 pre cutt off 260
ReplyDeleteaaj jpsc ka lsw paper kaisa raha and what is expected mains cutt off pls comment
ReplyDeletesuna ja raha hai ki agla bpsc ka form isi mahine aa raha hai kya yeh sahi information hai pankaj sir pls comment
ReplyDeleteजेपीएससी की सभी परीक्षाओं की सीबीआइ जांच जेपीएससी की परीक्षाओं व अन्य गड़बड़ियों की जांच अब सीबीआइ करेगी। झारखंड हाइकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया। जस्टिस आरके मेरठिया और जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत ने द्वितीय सिविल सेवा के अधिकारियों के काम करने एवं वेतन लेने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अपने 23 पेज के आदेश में कोर्ट ने कहा कि इस मामले की निगरानी जांच काफी धीमी और संतोषजनक नहीं है। इस कारण इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। निगरानी को दो सप्ताह के अंदर जेपीएससी से संबंधित सभी दस्तावेज सीबीआइ को सौंपने और सीबीआइ को तीन माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। अगली सुनवाई की तिथि पांच नवंबर निर्धारित की गयी है। 166 अधिकारी काम नहीं करेंगे द्वितीय सिविल सेवा से 172 अधिकारियों की नियुक्ति हुई थी। इसमें पांच ने योगदान नहीं दिया था। 19 की सेवा सरकार ने बर्खास्त कर दी थी। लेकिन हाइकोर्ट ने सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने अपील याचिका दायर की। रंजू कुमारी पर आदेश लागू नहीं हाइकोर्ट ने द्वितीय सिविल सेवा से चयनित रंजू कुमारी को काम करने का निर्देश दिया है। उसका चयन नि:शक्त कोटे से हुआ था। अदालत ने कहा कि इस फैसले का असर रंजू कुमारी पर नहीं पड़ेगा। क्या है मामला बुद्धदेव उरांव एवं पवन चौधरी ने जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि जेपीएससी की परीक्षाओं में काफी गड़बड़ी की गयी है। प्राय: हर परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। राजनीतिक दलों, मंत्रियों व अधिकारियों के रिश्तेदारों और निकटवर्ती लोगों की नियुक्ति की सिफारिश जेपीएससी ने की है। जबकि ये लोग योग्यता नहीं रखते हैं। पहुंच और पैरवी के बल पर इनकी नियुक्ति की गयी है। इससे मेधावी उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है। पूर्व में सरकार ने अदालत को कहा था कि इस मामले की निगरानी जांच हो रही है। इस कारण फिलहाल सीबीआइ जांच की जरूरत नहीं है। इस बीच 19 लोगों की सेवा बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर सभी की सेवा वापस लेने के एकलपीठ के आदेश को सरकार ने चुनौती दी। इस पर कोर्ट ने सभी 172 अधिकारियों को नोटिस दिया। उनका पक्ष सुना। फिर बुद्धदेव उरांव ने इंट्रोल्योकेट्री याचिका दायर की। अदालत को बताया कि निगरानी जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। मंत्रियों, विधायकों व अधिकारियों के रिश्तेदारों के खिलाफ जांच नहीं हो रही है। इसके बाद सभी मामलों को कोर्ट ने टैग कर सुनवायी की और आदेश सुनाया। वित्तीय अनियमितता की भी होगी जांच जेपीएससी में हुए वित्तीय अनियमितता की भी सीबीआइ जांच होगी। वर्ष 2009 से ही वित्तीय गड़बड़ी हो रही थी। जनहित याचिका में इस मामले को भी उठाया गया था। आयोग के अधिकारी भी सरकार को इसकी जानकारी दे रहे थे,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। सही तरीके से ऑडिट नहीं की गयी। अग्रिम का समायोजन एवं अन्य कई वित्तीय मामले की जानकारी कोर्ट को दी गयी थी। अनियमितता का ब्योरा 2.53 करोड़ के कैश बैलेंस में डिफरेंस 1.89 करोड़ के अग्रिम का समायोजन नहीं 3.20 करोड़ के निकासी का कारण नहीं बताया 5.18 करोड़ के खर्च का ऑडिट नहीं हुआ लेक्चरर नियुक्ति में भी हुई गड़बड़ी लेक्चरर नियुक्ति में भी जेपीएससी ने गड़बड़ी की थी। वर्ष 2007 में 777 पदों पर लेक्चरर की नियुक्ति हुई थी। इसमें से 600 पद पैरवी के आधार पर भर दिए गए। लेक्चरर के लिए जेट या नेट क्वालीफाई जरूरी था। पहली बार जब परिणाम निकला तो पैरवी वाले करीब 100 अभ्यर्थी सफल नहीं हुए। इसके बाद जेपीएससी ने दोबारा रिजल्ट निकाला। उनके अंक बढ़ा दिए गए और सफल घोषित कर दिया गया। निगरानी जांच में इसका खुलासा हुआ। इसके बाद से निगरानी ने कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जेपीएससी कार्यालय से जेट के वैसे दस्तावेज गायब हो गए हैं जो व्याख्याता नियुक्ति में अनुशंसित थे। नियुक्ति से संबंधित परिणाम भी परीक्षा शाखा में उपलब्ध नहीं है।
ReplyDeleteजेपीएससी की 16 परीक्षाओं की सीबीआई जांच के आदेश रांची : झारखंड लोकसेवा आयोग की वर्ष 2000 से अब तक ली गयी सभी 16 परीक्षाओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा. झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आर के मेरठिया और न्यायमूर्ति डी एन उपाध्याय की खंडपीठ ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में आदेश दिया कि वर्ष 2000 में झारखंड लोकसेवा आयोग (जेपीएससी) की स्थापना के बाद से ली गयी सभी 16 परीक्षाओं की जांच अब सीबीआई करेगी. अदालत ने द्वितीय झारखंड प्रशासनिक सेवा के चयनित और पदस्थापित 172 उम्मीदवारों में से एक विकलांग महिला को छोडकर सभी 171 के काम करने और उन्हें वेतन दिये जाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. पीठ ने बुद्धदेव उरांव और अन्य लोगों की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज यहां यह फैसला दिया. अदालत ने सीबीआई को इन सभी परीक्षाओं की जांच के संबंध में तीन माह के भीतर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया. अब तक इनमें से विवादित द्वितीय झारखंड प्रशासनिक सेवा समेत कुछ परीक्षाओं की जांच झारखंड निगरानी ब्यूरो कर रहा था. झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे जेपीएससी द्वितीय के माध्यम से चयनित सभी कर्मचारियों के काम करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. फिलहाल यह रोक सीबीआई के इस मामले की जांच पूरी करने तक जारी रहेगी. इन कर्मचारियों को अब कोई वेतन आदि भी नहीं मिलेगा. इस रोक से न्यायालय ने एक विकलांग महिला कर्मचारी को अलग रखा है. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी द्वितीय जेपीएससी परीक्षा के बाद चयनित इन कर्मचारियों को राज्य सरकार की प्रशासनिक सेवाओं, पुलिस सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि सेवाओं में बहाल कर दिया गया था. अदालत ने उरांव की जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि वर्ष 2000 से जेपीएससी द्वारा अब तक ली गयी सभी 16 परीक्षाओं की जांच सीबीआई करेगी. ज्ञातव्य है कि जेपीएससी के कामकाज पर उस समय अंगुलियां उठीं जब उसकी परीक्षाओं में कथित तौर पर धांधली करके विभिन्न राजनीतिज्ञों, अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों की धडल्ले से नियुक्तियां की गयीं. द्वितीय जेपीएससी के आयोजन के समय के आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष और अन्य सदस्यों पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें न्यायिक ब्यूरों ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और उनमें से अधिकतर इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. आरोप है कि झारखंड लोकसेवा आयोग ने इस दौरान लेक्चरर, फार्मासिस्ट आदि पदों पर नियुक्ति में भी जमकर धांधली की और बडे पैमाने पर घूसखोरी कर गलत ढंग से आयोग्य लोगों की बहाली की.
ReplyDeletewhat is the expected cutoff bpsc 2012 mains
ReplyDeleteजेपीएससी चतुर्थ सिविल सेवा मुख्य परीक्षा संपत्र
ReplyDeleteरांचीत्नजेपीएससी चतुर्थ सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 15 जून को समाप्त हो गयी. 25 मई से आरंभ हुई इस परीक्षा में कुल 3516 उम्मीदवारों में से 2300 ही शामिल हुए. रांची में पांच केंद्र बनाये गये थे. आयोग के अनुसार, हिंदी व जीएस की उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो गया है. आयोग अगस्त माह के अंत तक रिजल्ट जारी करने व सितंबर में साक्षात्कार लेने की तैयारी में है.
Sir g.. jara BSSC ke upar bhi najar rakhen., 22 july ko exam hone wala hai ya nahi.
ReplyDeletepankajji ,bssc ka extra result sach me ayege ya ye afwa hai.bpsc main exam ke bare me comment kare.
ReplyDeleteextra result? lafange netaon jhutha afwah udaya hai...
ReplyDeleteup pcs pre cutoff shud be around 280-290
ReplyDeleteResult kab tak aane ki ummid hai??
ReplyDeleteARRE PANKAJ JPSC ME FAIL HUA LEKIN BPSC MAINS KE LIA JAAN LAGA KAR PADHI KIA HAI. DOSRO KO CASE KE CHAKKAR ME ULJHA KAR PADHNE NAHI DIA.
ReplyDeleteChalo bhaiya exam jpsc ka dhasu likha hu. Agar nagpuri lsw me scaling nahi hua to mujhe pass hone se koi nahi rok sakta.
ReplyDeleteAre Kaluuu !! Is exam me pass nahi hona hai , compete karana hai.
ReplyDeleteCompete hi karunga bc
ReplyDeleteKALU PANKAJ KO BHI PAAS KARBA DENA. BAHUT MEHNAT KI HAI
ReplyDeleteKalu kala hai to kya hua dilwala hai.
ReplyDeletedilwala kalu pankaj ko apne saath bhi paas karwayega
ReplyDeletebpsc mains gs ka average score kya hoga aur mains qualify karne ka cut off kya hoga?
ReplyDelete220 to 225 in g.s. Total 680 to 710
ReplyDeletejpsc ab cancel hoga? namumkin.
ReplyDeletearre pankaj ab nahi koi blog likh raha hai. exam ke time dousre site se copy paste kar kar ke serious students jo bpsc aur jpsc dono me pass kiye the unka time kharab kiya. phir jab exam suru hua to uske baad kuch nahi likha kyuki kudh ka jo bpsc exam tha. bhai aise gandi activity se koi compete nahi karta
ReplyDeletearre pankaj ab nahi koi blog likh raha hai. exam ke time dousre site se copy paste kar kar ke serious students jo bpsc aur jpsc dono me pass kiye the unka time kharab kiya. phir jab exam suru hua to uske baad kuch nahi likha kyuki kudh ka jo bpsc exam tha. bhai aise gandi activity se koi compete nahi karta
ReplyDeleteAaj court me kya chal raha hai pt fail bhaiyo? 4th pt cancel hua ki nahi ab tak? Jor lagao yaar!
ReplyDeleteaj court m kya hua?please share t information.
ReplyDeleteAre KALUA tu phir aa gaya.
ReplyDeleteKaise ho KALU ?
ReplyDeletejpsc 5th ka notice kya august m aaeyga 4th main ke result k bad? if u ve any information regarding this please share.
ReplyDelete1st to 4th ka vacancy jodkar 5th mein dalega.
ReplyDelete4th ka hc me kya hua?
ReplyDeleteabbe pankaj aab tere paas koi news court case ke baare me nahi hai. kewal exam se pahle students ka dimag kharab karne ke liye aggresssive demand abt cases ki rat laga raha tha. abbe tune khub choona lagaya.ab koi tere blog par nahi visit karega.
ReplyDelete4th pt & mains cancel k aasaar hai. Court ka sakht stand hai. Isliye pt ki taiyari suru kr dein. 5th pt mein sabko shamil karega.
ReplyDeleteAS per today’s online Times of India issue
ReplyDeleteRANCHI: The Central Bureau of Investigation (CBI) has filed five cases of irregularities in appointments of state administrative officials, lecturers and doctors, an official said Friday.
“Total five cases have been lodged in different examinations conducted by the Jharkhand Public Service Commission (JPSC). The FIR has been lodged against former JPSC chairman Dileep Prasad, its members, and 19 administrative officials selected through second JPSC examination in 2006-2007,” a CBI source told IANS.
The Jharkhand High Court, hearing a public interest litigation (PIL) in June, had ordered a CBI probe in all the examinations conducted by the JPSC since its formation.
Till now the JPSC has conducted three examinations of administrative officers, one for lecturers and one for doctors among others.
After the second JPSC exam results, the unsuccessful candidates had made hue and cry alleging irregularities in appointment of the administrative officials.
The state government handed over the probe to the state vigilance department in 2009, based on which 39 officials were dismissed in 2010.
Dileep Prasad and JPSC member Shanti Devi are in jail in connection with the irregularities in these JPSC examinations.
Abhi 4th cse ka case lamba jayega. Baad mein CBI case takeover karega aur saare irregularities par karwaai karega. Hamko lagta judge isko lamba khichne k baad anirnayak haal karke chhorega phir cbi case ko takeover karega aur controller, secretary,aur chairman ko andar dalega.
ReplyDeleteरांची। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के तथ्य मिले हैं, जिसके आधार पर उसने पांच मामले दर्ज किए हैं। ये मामले प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों, व्याख्याताओं तथा चिकित्सकों की नियुक्ति में अनियमितताओं के हैं। सीबीआई सूत्र ने बताया कि झारखंड लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं को लेकर पांच मामले दर्ज किए गए हैं। नियुक्ति में अनियमितता को लेकर आयोग के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, इसके सदस्यों और साल 2006-2007 के दौरान आयोग की दूसरी परीक्षा के जरिए नियुक्त होने वाले 19 प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए गए हैं।
ReplyDeleteएक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने इस साल जून में सीबीआई को आयोग के गठन से लेकर अब तक इसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं की जांच करने के आदेश दिए थे। झारखंड लोक सेवा आयोग ने अब तक प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तीन, व्याख्याताओं तथा चिकित्सकों के लिए एक-एक परीक्षा का आयोजन किया। आयोग की दूसरी परीक्षा के नतीजों के बाद असफल उम्मीदवारों ने प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति में अनियमितता का मामला उठाया था।
राज्य सरकार ने साल 2009 में इस मामले की जांच राज्य सतर्कता आयोग को सौंप दी थी। सतर्कता आयोग की जांच के आधार पर साल 2010 में 39 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था। राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में अनियमितताओं के सिलसिले में दिलीप प्रसाद और आयोग की सदस्य शांति देवी जेल में हैं
Exam to cancel hoga thoda time lagega so wait kare court me thoda time lagta hi hai...
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